बेटि ओर पापा

जब मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई चुपके से
हँसा रहा था, वो थे पापा. . .
.
जब मैं सो रहा था तब कोई चुपके से
सिर पर हाथ फिरा रहा था , वो थे पापा. . .
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जब मैं सुबह उठा तो कोई बहुत थक कर भी
काम पर जा रहा था , वो थे पापा. . .
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खुद कड़ी धूप में रह कर कोई मुझे .सी. में सुला रहा था ,
वो थे पापा. . .
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सपने तो मेरे थे पर  उन्हें पूरा करने का रास्ता
कोई और बताऐ जा रहा था , वो थे पापा. . .
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मैं तो सिर्फ अपनी खुशियों में हँसता हूँ,
पर मेरी हँसी देख कर कोई अपने गम भुलाऐ जा रहा था ,
वो थे पापा. . .
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फल खाने की ज्यादा जरूरत तो उन्हें थी,
पर कोई मुझे सेव खिलाए जा रहा था ,
वो थे पापा. . .
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खुश तो मुझे होना चाहिए कि वो मुझे मिले ,
पर मेरे जन्म लेने की खुशी कोई और
मनाए जा रहा था , वो थे पापा. . .
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ये दुनिया पैसों से चलती है पर कोई सिर्फ मेरे लिए
पैसे कमाए जा रहा था , वो थे पापा. . .
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घर में सब अपना प्यार दिखाते हैं पर कोई बिना दिखाऐ भी
इतना प्यार किए जा रहा था , वो थे पापा. . .
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पेड़ तो अपना फल
खा नही सकते इसलिए हमें देते हैं...
पर कोई अपना पेट खाली रखकर भी
मेरा पेट भरे जा रहा था, वो थे पापा. . .
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मैं तो नौकरी के लिए घर से बाहर जाने पर दुखी था
पर मुझसे भी अधिक आंसू कोई और बहाए जा रहा था ,
वो थे पापा. . .
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मैं अपने "बेटा " शब्द को सार्थक बना सका या नही..
पता नहीं...
पर कोई बिना स्वार्थ के अपने "पिता" शब्द को
सार्थक बनाए जा रहा था ,
वो थे पापा. . .

Poet: Anonymous

ମନ୍ତବ୍ୟଗୁଡିକ

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