नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू

आज (3 जुलाई 2015) से नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (NMNP) शुरू कर रही हैं बीएसएनएल, एमटीएनएल, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) जैसी बड़ी टेलिकॉम कंपनियां । पाकिस्तान 2007 में ही NMNP लागू कर चुका है। हमारे देश में नेशनल पोर्टेबिलिटी पाकिस्तान के 8 साल बाद लागू हो रही है। वहीं, कनाडा के आंकड़े भी दिलचस्प हैं। वहां 10 मिनट में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी हो जाती है।

हमारा ये NMNP का फायदा लेने के लिए एक छोटी प्रोसेस पूरा करना होगा। आइए जानते हैं ये प्रक्रिया और इसे पूरा करने का तरिकाः-
कैसे है NMNP?
  • मोबाइल फोन के मैसेज बॉक्स में जाएं और टाइप करें PORT। फिर स्पेस देकर अपना मोबाइल नंबर लिखें और 1900 पर भेज दें।
  • थोड़ी देर बाद आपके मोबाइल पर एक 8 नंबरों का यूनिक कोड आएगा। 
  • यूनिक कोड को पोर्टेबिलिटी के तय फॉर्मेट और कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म के साथ कंपनी के आउटलेट पर जमा कराना होगा। 
  • फॉर्म जमा कराने के बाद आपके अकाउंट से 19 रुपए काट लिए जाएंगे। 
  • इसके बाद पुराना बिल (यदि बाकी है) पे करना होगा। 
  • फिर नेटवर्क शिफ्टिंग का एसएमएस मिलेगा और मोबाइल कंपनी बदल जाएगी। 
  • प्रीपेड यूजर्स बैलेंस ट्रांसफर करा सकेंगे। पोस्टपेड यूजर्स अपना बिल कैरी फॉरवर्ड करा सकेंगे।
क्‍या है NMNP?
नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी NMNP ऐसी सर्विस है जिसके तहत कंपनियां मोबाइल यूजर्स को सर्किल बदलने यानी एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में जाने के बावजूद सेम नंबर पर बिना रोमिंग चार्ज लिए मोबाइल सर्विस देंगी। यानी सर्कल बदलने पर अपना मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी। तब भी नहीं, जब आप अपना मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर बदल लें। देश में बीते अप्रैल तक 15.7 करोड़ यूज़र्स पोर्टेबिलिटी की अर्जी दे चुके हैं। देशभर में 97.3 करोड़ वायरलेस सब्स्क्राइबर्स हैं।
एयरटेल के नेटवर्क के अंदर 24 घंटे में पोर्टिंग की रिक्वेस्ट प्रोसेस की जाएगी। पोर्टेबिलिटी होने तक रोमिंग पर इनकमिंग फ्री रहेगा। प्री-पेड यूजर्स अपना बैलेंस ट्रांसफर करा सकेंगे। पोस्ट-पेड यूजर्स भी अपना बैलेंस कैरी फॉरवर्ड करा सकेंगे। वोडाफोन ने कहा- नेशनल पोर्टेबिलिटी प्री-पेड और पोस्ट पेड यूजर्स के लिए एकसाथ शुरू की जा रही है। इसका हमारे 18 करोड़ यूजर्स फायदा उठा सकेंगे।
ऐसे समझें
1. रोमिंग चार्ज कब लगेगा और कब नहीं?
अगर आप किसी दूसरे स्टेट जाते हैं तो आपके मोबाइल यूसेज पर रोमिंग चार्ज लगेगा। लेकिन जिस दिन से आप नेशनल पोर्टेबिलिटी के लिए अप्लाई कर देंगे, उस दिन से रोमिंग चार्ज नहीं लगेगा।
2. नेशनल पोर्टेबिलिटी के लिए कहां से अप्लाई करना होगा?
- यूज़र्स जिस स्टेट में जा रहे हैं, उन्हें उसी स्टेट में जाकर नेशनल पोर्टेबिलिटी के लिए अप्लाई करना होगा। मान लीजिए, आप दिल्ली छोड़कर पंजाब शिफ्ट हो रहे हैं तो आप दिल्ली से पोर्टेबिलिटी के लिए अप्लाई नहीं कर सकेंगे। इस फैसिलिटी के साथ कोई हिडन चार्ज नहीं होगा।
3. किन राज्यों में लागू नहीं होगी नेशनल पोर्टेबिलिटी?
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा पहलू के मद्देनजर नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू नहीं होगी। 

सरकार ने टेलीकॉन कंपनियों से 3 मई 2015 से ही नेशनल नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू करने को कहा था। लेकिन टेलीकॉम कंपनियों के एसोसिएशन ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन से कहा था कि अपने नेटवर्क में तकनीकी बदलावों के लिए वे डेडलाइन बढ़ाना चाहते हैं। सर्विस प्रोवाइडर्स ने 8 हफ्ते का वक्त मांगा था। इसलिए सरकार ने डेडलाइन 3 जुलाई तक बढ़ा दी थी। कंपनियों को देशभर में 22 टेलिकॉम सर्कल में मौजूद कोई 4 लाख मोबाइल टावरों आैर उनके स्विच में बदलाव करने थे। नेशनल नंबरिंग प्लान में भी उन्हें बदलाव करने थे। ऐसी व्यवस्था करनी थी कि नेशनल पोर्टेबिलिटी के बाद यूजर्स 0 या +91 लगाए बिना ही सीधे कॉल कर सकें ताकि पोर्ट हो चुके नंबर पर कॉल करने के लिए उन्हें STD फॉर्मेट का इस्तेमाल न करना पड़े।

ये 2 पड़ाव बाकी 
1. कॉल ड्रॉप: देश में कॉल ड्रॉप के मामले पांच गुना बढ़े हैं। संचार मंत्रालय और ट्राई कॉल ड्रॉप की समस्या का हल खोज ही रहे हैं।

2. नेट न्यूट्रैलिटी: नेट न्यूट्रैलिटी यानी अलग-अलग डेटा के लिए अलग-अलग रेट न हों। फैसले के लिए ट्राई की रिपोर्ट का इंतजार।

ମନ୍ତବ୍ୟଗୁଡିକ

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